मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संस्कृत का उत्थान राष्ट्र और भारतीय संस्कृति का उत्थान है। इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि जो उत्थान संस्कृत का होना था वह बाहरी लोगों के शासन के कारण देश में नहीं हो सका। संस्कृत का अनादर हुआ। हमारी संस्कृति जो वसुधैव कुटुम्बकम और सर्व कल्याण की बात कहती है, संस्कृत के श्लोकों में अभिव्यक्त हुई है। अब देश में सांस्कृतिक उत्थान के स्वर्ण युग का आरंभ हुआ है और हम माँ संस्कृत की सेवा कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन के सभा कक्ष से महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान से संबद्ध प्राच्य गुरूकुलों के लिए आर्थिक सहायता राशि अंतरित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों के विद्यार्थियों और प्राचार्यों के खातों में 2 करोड़ 30 लाख रुपए की सहायता राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की।