मुख्यमंत्री श्री चौहान सपत्निक सवारी मार्ग में पैदल रामघाट तक पहुँचे। मार्ग में अन्य भक्तों के साथ मुख्यमंत्री भी शिवभक्ति में लीन नजर आये। उन्होंने भजन मण्डलियों के साथ झांझ बजाया और जय महाकाल के नारे लगाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मार्ग में बड़ी संख्या में बाबा महाकाल की पालकी के दर्शन के लिए खड़े दर्शनार्थियों एवं मार्ग के मकानों में रहने वाले नगरवासियों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। लगभग 5 बजे बाबा महाकाल की पालकी रामघाट पहुँची जहाँ भगवान चंद्रमौलेश्वर का माँ शिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजन-अर्चन किया गया। पूजन-अर्चन में भी मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं श्रीमती साधना सिंह ने भाग लिया।