22-Aug-2023 07:27 PM
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अलवर 22 अगस्त (संवाददाता) केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। श्री शेखावत ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत सरकार ने पुरानी पीकेसी के साथ जोड़कर नया लिंक तय किया है, जिसमें 13 जिलों को न केवल पीने का पानी मिलेगा, बल्कि 2 लाख हेक्टेयर सिंचाई का रकबा भी बढ़ेगा, लेकिन इसे मुख्यमंत्री गहलोत स्वीकार नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान के इन 13 जिलों में राज्य की कुल आबादी के 40 प्रतिशत लोग रहते हैं। गहलोत सरकार की राजनीति के चलते इन 13 जिलों की जनता त्रस्त और बदहाल है और यह महत्वाकांक्षी परियोजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। शेखावत ने बताया कि वर्ष 2004 से पहले अटल जी की सरकार के समय में नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं की परिकल्पना की गई थी। उस समय देश में 31 लिंक चिह्नित किए गए थे। उनमें से एक पार्वती- कालीसिंध-चंबल लिंक मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच भी चिह्नित हुआ था, लेकिन राजस्थान की असहमति के कारण से उस लिंक को उसी समय स्थगित कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004-14 तक केंद्र में यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार के समय इस पर विचार या काम नहीं हुआ। वर्ष 2014 में मोदीजी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस वापस विचार करना प्रारंभ हुआ। वर्ष 2016 में वसुंधरा राजे सरकार ने ईआरसीपी की परिकल्पना के विषय में विचार किया और वर्ष 2017 में वाप्कोस को डिजाइन बनाने के लिए दिया, लेकिन राजस्थान ने देश के तय मानक 75 प्रतिशत के बजाय 50 प्रतिशत डिपेंडेबिलिटी पर बनाया, जिसे स्वीकृति नहीं मिली। श्री शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बार-बार पत्र लिखकर आग्रह किया कि इस पर आगे मार्ग निकालते हैं। हमने दस बार मीटिंगों का आयोजन किया, लेकिन एक भी बार राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री, पहले अशोक गहलोत के पास ही इसका दायित्व था, न वो बैठक में आए, न मंत्री उस बैठक में उपस्थित हुआ। प्रधानमंत्री के निर्देश पर जयपुर में 18 अप्रैल 2022 को बैठक रखी, जिसकी एक महीने पहले सूचना मुख्यमंत्री और मंत्री को देखकर समय निश्चित किया। बैठक की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री और मंत्री की तरफ से कहलवा दिया गया कि वो दोनों नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि उस बैठक में भी राजस्थान के अधिकारियों ने हमारी बात पर सहमति व्यक्त की, लेकिन दुर्भाग्य से ईआरसीपी सिरे नहीं चढ़ पाई। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन समेत इस क्षेत्र में पेयजल योजनाएं तभी सफल हो सकती हैं, जब यहां ईआरसीपी पूरी होकर इस लिंक से पानी आ सके। दुर्भाग्य से राजस्थान सरकार को 13 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी देने के बजाय राजनीतिक लाभ उठाना था। शेखावत ने कहा कि अब राजस्थान सरकार नया शिगूफा लेकर आई है। वो नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना लेकर आई है। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी 75 प्रतिशत डिपेंडेबिलिटी बनाते तो राजस्थान को 1750 एमसीएम पानी मिलता, लेकिन 15 हजार करोड़ से बनने वाले इस लिंक से केवल 521 एमसीएम पानी मिलेगा। बीसलपुर के माध्यम से जयपुर, अजमेर और टोंक शहर को पीने का पानी मिलेगा।...////...