19-Nov-2022 09:45 PM
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उदयपुर 19 नवम्बर (संवाददाता) प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा आर आर कासलीवाल ने कहा है कि भारत में हृदय से संबंधित बीमारियों से प्रभावित लोगों की संख्या में हर साल चौंकाने वाली वृद्धि हो रही है और कई कम उम्र के लोगों की जागरूकता के अभाव में असमय मृत्यु हो जाती है।
डा कासलीवाल उदयपुर में आयोजित हृदय रोग विषेषज्ञों के पांचवें राष्ट्रीय महासम्मेलन के प्रथम दिन मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा हृदय दिन-रात बिना रूके लगातार काम करता रहता है लेकिन हम हार्ट की हेल्थ को लेकर जागरूक नहीं है।
उन्होंने कहा कि सही समय पर हृदय रोग से प्रभावित लोगों को जांच और इलाज मिल जाए तो कई लोगों की जिन्दगी बचायी जा सकती है।
इससे पूर्व पांचवे राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट और विशिष्ट अतिथि आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एवं नियन्त्रक डॉ. लाखन पोसवाल, आयोजन चेयरमैन डॉ. अमित खण्डेलवाल ने दीप प्रज्जवलन करके किया। पहले दिन हार्ट डिजिज की जांचों और महत्वपूर्ण उपचार तकनीकों पर विशेष रूप से चर्चा की गयी।
कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान करने वाले चिकित्सकों डॉ. रवि आर. कासलीवाल, डॉ. संदीप मिश्रा, डॉ. संजय महरोत्रा और डॉ. मोहित गुप्ता का यहां पर सम्मान किया गया। दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन हार्ट एंड रिदम सोसायटी की ओर से किया जा रहा है जिसमें अकेडमिक पार्टनर एपीआई चेप्टर उदयपुर तथा पारस हॉस्पिटल उदयपुर हैं।
मुख्य अतिथि राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि शहरी क्षेत्र में तो लोग समय के साथ जागरूक हो रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हृदय संबंधी समस्या को हार्ट अटैक माना जाता है और लोग उपचार के लिए आगे आने से भी डरते हैं। चिकित्सकों द्वारा इस तरह के सम्मेलन जागरूकता लाने के लिए बड़ा व सफल कदम साबित होंगे।
आयोजन चेयरमैन डॉ. अमित खण्डेलवाल ने बताया कि हृदय रोग विशेषज्ञों के पास अक्सर मरीज तभी आते हैं जब समस्या बड़ा रूप ले चुकी होती है। मरीजों की समस्या और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर स्वस्थ हृदय के लिए कार्डियोलॉजी में नवाचारों को सार्वजनिक करना थीम सम्मेलन का आयेाजन किया जा रहा है।
सम्मेलन के पहले दिन साइंटिफिक सेशन की शुरूआत हृदय रोग की सबसे सामान्य और महत्वपूर्ण जांचों ईसीजी और ईको से संबंधित प्रश्नोत्तरी से हुई। हाइपरटेंशन, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल से प्रभावित मरीजों की विभिन्न स्वास्थ्य परिस्थितियों में सफल उपचार विधियों और इन समस्याओं से बचने के लिए उपाय पर विचार रखे गये। हृदय की गति असामान्य होने के कारण और इस स्थिति में स्ट्रोक में बचाव के उपाय, स्ट्रोक के उपचार में एट्ररियल फिब्ररीलेषन का उपयोग पर वार्ता के साथ विशेषज्ञों ने अन्य नवीन तकनीकों पर प्रकाश डाला।...////...