जी-20 के व्यापार और निवेश मंत्री समूह की बैठक 24 और 25 अगस्त को जयपुर में होगी
20-Aug-2023 08:48 PM 1234651
जयपुर, 20 अगस्त (संवाददाता) भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत व्यापार एवं निवेश मंत्रालयी बैठक जयपुर में 24 और 25 अगस्त को आयोजित की जाएगी। जयपुर जी-20 सदस्यों के व्यापार और निवेश मंत्रियों, आमंत्रित देशों और विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों की मेजबानी करेगा। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सचिव सुनील बरथवाल ने रविवार को यहां मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों के व्यापार मंत्रियों एवं सचिवों, क्षेत्रीय समूहों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों सहित 300 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। बैठक में विशेष रूप से, अमरीका, ब्रिटेन, चीन, कनाडा, इंडोनेशिया, जापान, यूरोपीय संघ, कोरिया गणराज्य, तुर्किये, सऊदी अरब, फ्रांस, बंगलादेश, मिस्र, नीदरलैंड, ओमान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात के व्यापार मंत्री भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल करेंगे। उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक वीडियो संदेश भी प्रसारित किया जाएगा जो वैश्विक व्यापार और निवेश मुद्दों पर सार्थक चर्चा के लिए मंच तैयार करेगा। इसके बाद मंत्री तीन सत्रों में वैश्विक व्यापार और निवेश संबंधित मुद्दों पर आम सहमति बनाने के मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे, जिसमें वैश्विक विकास और समृद्धि के लिए बहुपक्षीय व्यापार, समावेशी और लचीले व्यापार और कागजरहित व्यापार के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन विचार-विमर्श जो नतीजा निकलेगा, वह वैश्विक व्यापार और निवेश में तेजी लाने के लिए मार्गदर्शन करने वाला साबित होगा जो वर्तमान में वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहा है। जी-20 सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85 प्रतिशत, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 75 प्रतिशत और दुनिया की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए वैश्विक व्यापार और निवेश में तेजी लाने में आने वाली चुनौतियों के प्रति साझा समझ बनाने के लिए सहयोगात्मक भावना के साथ काम करना अधिक महत्वपूर्ण है, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि विकास को समावेशी और पारदर्शी बनाने के लिए मौजूदा अवसरों का लाभ कैसे उठाया जाए। श्री बरथवाल ने बताया कि मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत चौथी और अंतिम व्यापार एवं निवेश कार्य समूह (टीआईडब्ल्यूजी) की बैठक 21 एवं 22 अगस्त को जयपुर में ही आयोजित की जाएगी। इस बैठक के दौरान जी-20 सदस्य देश, आमंत्रित देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ व्यापार और निवेश अधिकारी पांच प्राथमिकता वाले मुद्दों के साथ भारतीय अध्यक्षता द्वारा प्रस्तुत कार्रवाई उन्मुख प्रस्तावों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इन मुद्दों में शामिल हैं-विकास और समृद्धि के लिए व्यापार, लचीला व्यापार और जीवीसी, विश्व व्यापार में एमएसएमई को एकीकृत करना, लॉजिस्टिक फॉर ट्रेड और विश्व व्यापार संगठन में सुधार। पहली तीन टीआईडब्ल्यूजी बैठकें क्रमशः मुंबई, बेंगलूरु एवं केवाडिया में आयोजित की गई थीं। इन बैठकों के दौरान पहचाने गए प्राथमिकता वाले मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई थी। इसके अलावा, इन बैठकों के दौरान नॉलेज पार्टनरों ने प्रस्तुति दी जिनमें प्रत्येक विषय एवं उनके प्राप्त होने वाले परिणामों की रूपरेखा दी गई थी। इन चर्चाओं में जी20 सदस्य /आमंत्रित देशों द्वारा व्यक्त किए गए विचारों/सुझावों के आधार पर भारतीय अध्यक्षता ने मंत्रालयी वक्तव्य और उसके अनुलग्नकों में परिलक्षित प्रत्येक प्राथमिकता वाले मुद्दे पर कार्रवाई - उन्मुख ठोस प्रस्ताव तैयार किए हैं। उन्होंने बताया कि जहां तक महत्वपूर्ण मुद्दों का सवाल है, विचार-विमर्श जी-20 के लिए इस बात को दोहराने का मार्ग प्रशस्त करेगा कि नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, जिसके मूल में डब्ल्यूटीओ है, समावेशी विकास, नवाचार, रोजगार सृजन और टिकाऊ विकास के हमारे साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए अपरिहार्य है। इसके अलावा, मंत्रिस्तरीय बैठक जी-20 को उस महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने का मौका प्रदान करेगी कि प्रौद्योगिकी सीमा पार व्यापार पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। इस संबंध में, भारतीय अध्यक्षता ने उन ठोस लाभों पर ध्यान केंद्रित किया है जो कागजरहित व्यापार प्रणाली का इस्तेमाल करके देशों को प्राप्त हो सकते हैं। कागजरहित व्यापार प्रणाली से कारोबारी लागत में और कमी आएगी, इससे छोटे शिपमेंट और अधिक लागत प्रभावी बनेंगे और यह निम्न लागत पर प्रचालनों के अंतर्राष्ट्रीयकरण को सक्षम बनाएगा। इससे तेजी से डिजिटल होती दुनिया में व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित हो सकती है। उम्मीद है कि भारतीय अध्यक्षता द्वारा रखे गए प्रस्तावों पर जी-20 में आम सहमति बनेगी। जी-20 के लिए उन विध्नो को दूर करना भी महत्वपूर्ण है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को समेकित करने में बाधा पहुंचाते हैं। चूंकि एमएसएमई रोजगार सृजन एवं जीडीपी को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए जी20 के लिए व्यापार एवं व्यापार से संबंधित जानकारी, वित्त तथा बाजारों तक अपर्याप्त पहुंच के तीन महत्वपूर्ण आयामों पर ध्यान देना उपयुक्त है जो वैश्विक व्यापार में एमएसएमई की भागीदारी को बाधित करते हैं। इसके अतिरिक्त चूंकि विश्व व्यापार का 70 प्रतिशत वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) के माध्यम से प्रकट होता है, जी-20 टीआईडब्ल्यूजी के लिए संरचना के मानचित्रण को विकसित करना अनिवार्य है जो जीवीसी को भविष्य के आघातों के प्रति लचीला बना सकता है। जी-20 टीआईडब्ल्यूजी ने वर्तमान में जारी सुधार प्रक्रिया की सहायता करने और आगामी तेरहवें मंत्रालयी सम्मेलन (एमसी13) में सार्थक परिणाम अर्जित करने के लिए रचनाशील तरीके से काम करने के लिए एकजुट होने, देशों के बीच आम सहमति का निर्माण करने के लिए डब्ल्यूटीओ सुधार पर प्राथमिकता को भी अपनाया है। प्राथमिकता वाले प्रत्येक मुद्दे पर सदस्य देशों द्वारा की गई युक्तियों और सुझावों ने मंत्रालयी वक्तव्य और इसके अनुलग्नकों के लिए प्रारूप् का मूल पाठ तैयार करने में अध्यक्षता की अत्यधिक सहायता की है। टीआईडब्ल्यूजी बैठकों के दौरान किए गए विचार विमर्शों से मसौदों में अच्छे स्तर का सुधार हुआ है और यह वैश्विक व्यापार को समावेशी बनाने के लिए जी20 टीआईडब्ल्यूजी की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है। ऐसी उम्मीद है कि टीआईएमएम वैश्विक व्यापार एवं निवेश में गति लाने के लिए जी20 सदस्यों के बीच विश्वसनीय सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसका उद्देश्य ऐसे टूल्स का सह-विकास करना है जो भारतीय अध्यक्षता की वसुधैव कुटुम्बकम की जी20 थीम के अनुरुप सभी के लिए विकास को समावेशी और पारदर्शी बनाने के लिए विद्यमान अवसरों का लाभ उठा सके। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित पांच प्राथमिकता वाले मुद्दों के अंतर्संबंध के महत्व को जानते हुए, भारतीय अध्यक्षता ने क्रमशः मुंबई, बेंगलुरु और एकता नगर में व्यापार वित्त, व्यापार एवं प्रौद्योगिकी तथा व्यापार अवसंरचना पर सहायक कार्यक्रम, संगोष्ठियों का भी आयोजन किया था। इन संगोष्ठियों का उद्देश्य शासन के सभी स्तरों के हितधारकों को एक साथ लाना और एक मजबूत वैश्विक व्यापार इकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए आवश्यक सामूहिक कार्रवाइयों पर विचार-मंथन करना था। टीआईएमएम के दौरान, प्रतिनिधियों के लिए भारतीय चाय, कॉफी, मसाले और मोटे अनाजों की एक व्यापक किस्म को प्रदर्शित करने के लिए एक अनुभव क्षेत्र (एक्सपेरिएंस जोन) का निर्माण किया जाएगा और गुलाबी नगरी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए जयपुर एक्सपेरिएंस पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। साथ ही टीआईएमएम प्रतिनिधियों के लिए 24 अगस्त को रात्रिभोज एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।...////...
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