केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय को ईआरसीपी पर अपनाना चाहिए सकारात्मक रुख-जाट
23-Jul-2022 07:54 PM 1234659
जयपुर 23 जुलाई (AGENCY) किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि राजस्थान की विशेष भौगोलिक परिस्थतियों के मद्देनजर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को पूर्णता की ओर ले जाने में सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए। श्री जाट ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर आज यहां यह बात कही। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्रालय को इस परियोजना में मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के बीच विवाद नहीं होते हुए भी विवाद पैदा कराने की मनोवृत्ति छोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में अजमेर एवं जयपुर की सभाओं में प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के संबंध में घोषणा की थी, जिसमें संवेदनशीलता के आधार पर विचार करने का आश्वासन दिया गया था। तदनुसार इस परियोजना की पूर्णता की दिशा में सकारात्मक रूप से विचार करना न्यायोचित है। उन्होंने कहा कि राजस्थान अन्य राज्यों की अपेक्षा जल उपलब्धता में बहुत पीछे है। राजस्थान में संपूर्ण देश का भूभाग 10 प्रतिशत है किंतु पानी की उपलब्धता केवल एक प्रतिशत है। ऐसी स्थिति में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को इस परियोजना को 50 प्रतिशत की निर्भरता पर स्वीकृति देकर पूर्णता की ओर ले जाने के लिए सकारात्मक कार्य करना चाहिए । उन्होंने कहा कि न्याय के आधार पर यदि सामान्य नियम 75 प्रतिशत की निर्भरता का है तब भी राजस्थान को इस नियम का अपवाद मानते हुए 50 प्रतिशत निर्भरता पर इस परियोजना को पूर्णता की और ले जाने के लिए सहयोग करना चाहिए । राजस्थान में अब तक तीन हजार से अधिक बांध बने हुए हैं उनमें से सारे बांध नहीं भरते वरन अनेक बांध तो ऐसे हैं जिनमें पानी की आवक कम है। बीसलपुर बांध 20 वर्षों में चार बार भरा है ऐसे बांधो की निर्भरता 50 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने जून 1999 को जयपुर में हुई मध्यप्रदेश एवं राजस्थान अंतर्राज्यीय जल नियंत्रण मंडल की 12वीं बैठक का हवाला देते हुए कहा कि इस बैठक के निर्णय के अनुसार जल भराव क्षेत्र उसी राज्य में स्थित है तो अन्य राज्य से किसी प्रकार की अनापत्ति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। कोई भी राज्य अपने कैचमेंट क्षेत्र के अतिरिक्त 10 प्रतिशत पानी के उपयोग के लिए कोई भी परियोजना बनाने के लिए स्वतंत्र है। इसी आधार पर मध्यप्रदेश द्वारा मोहनपुर एवं कुंडलियां बांधों का निर्माण किया, जिनसे 2,86,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई हो रही है। इस बैठक के अनुसार ही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना तैयार की गई।...////...
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