15-Jul-2023 10:09 AM
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कोटा, 15 जुलाई (संवाददाता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जब भी कोटा में आगमन होगा,तब उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने बारां जिले के खान की झोपड़िया गांव को कोटा जिले में शामिल करने की मांग और सीमलिया में कांग्रेस के एक मंडल अध्यक्ष को धमकाने और मारपीट करने के मामले में पुलिस के कोई कार्यवाही नहीं करने के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए प्रदर्शन करने का फैसला किया है। श्री सिंह का आरोप है कि खान की झोपड़िया गांव नैसर्गिक रूप से बारां नहीं बल्कि कोटा जिले का हिस्सा होने के बावजूद प्रशासनिक त्रुटि की वजह से उस समय बारां जिले की सीमा में शामिल कर लिया गया था, जब कोटा और बारां जिले का विभाजन हो रहा था और बारां जिला अस्तित्व में आया था। नए जिले के गठन की इस प्रक्रिया के दौरान प्रशासनिक स्तर पर हुई त्रुटि के कारण गलत आकलन कर लिए जाने की वजह से यह गांव पलायथा क्षेत्र में कोटा के सिरे की ओर होने के बावजूद बारां जिले में शामिल कर लिया गया जबकि वहां से दोनों जिलों के बीच की विभाजन रेखा मानी जाने वाली कालीसिंध नदी बहती है। इस बारे में श्री सिंह का कहना है कि जब उन्होंने इस मामले को उठाया और लगातार राज्य सरकार के स्तर पर यह मांग रखी कि खान की झोपड़ियों को बारां की जगह कोटा जिले में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि बारां जिले के राजनेताओं की खनन माफियाओं से मिलीभगत होने के कारण इस गांव में चौबीसों घंटे हो रहे अवैध खनन पर रोक लगा पाना मुमकिन नहीं हो पा रहा है। यदि यह गांव कोटा जिले की सीमा में शामिल कर लिया जाए जो कि वास्तव में कोटा जिले की सीमा में ही है तो प्रशासनिक स्तर पर यहां हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने की प्रभावी कार्रवाई की जा सकती है जो अभी संभव नहीं हो पा रही। श्री सिंह का कहना है कि इस मामले में कोटा के संभागीय आयुक्त स्तर पर की गई जांच में भी यह स्पष्ट हो चुका है कि खान की झोपड़िया गांव प्रशासनिक त्रुटि की वजह से बारां जिले की सीमा में शामिल कर लिया गया था लेकिन वस्तु स्थिति में इसे कोटा जिले में शामिल कर लिया जाना चाहिए। इस प्रशासनिक रिपोर्ट को राज्य सरकार के सुपुर्द कर दिए जाने के बावजूद खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के दबाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस गांव को कोटा जिले की शामिल की जिले की सीमा में शामिल नहीं कर रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री राजस्थान की जनता को 19 जिले बना कर एक नया तोहफा प्रदान कर रही है जबकि वे तो केवल एक मात्र गांव को कोटा जिले की सीमा में शामिल करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री उनकी इस मांग की लगातार अनदेखी कर उस भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है जिसे बारां के एक मंत्री का संरक्षण हासिल है। इसी तरह श्री सिंह ने कोटा जिले में पलायथा की पूर्व सरपंच और उसके समर्थकों द्वारा सीमलिया कांग्रेस मंडल अध्यक्ष महावीर मीणा सहित अन्य लोगों के साथ मारपीट करने और उन्हें धमकाने के मामले में अभी तक कोई पुलिस कार्यवाही नहीं करने के विरोध में अनुसूचित जाति जनजाति पर हो रहे अत्याचार को रोकने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन करने की घोषणा की। यह मामला भी प्रमोद जैन भाया से जुड़ा हुआ है और भरत सिंह का आरोप है कि जैन के दबाव में ही कार्यवाही नही हुई है।...////...