17-Apr-2022 10:41 PM
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भोपाल, 17 अप्रैल (AGENCY) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत आज प्रज्ञा प्रवाह की अखिल भारतीय चिंतन बैठक में शामिल हुए।
बैठक में श्री भागवत ने कहा कि सत्य, करुणा, शुचिता और परिश्रम सभी भारतीय धर्मों के मूलभूत गुण हैं। धर्म की रक्षा धर्म के आचरण से होती है। हमारे गुण और धर्म ही हमारी संपदा और अस्त्र-शस्त्र हैं।
उन्होंने कहा कि संघ किसी का प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि धर्म व राष्ट्र के उत्थान हेतु कार्यरत विभिन्न संगठन, संस्थाओं व व्यक्तियों का सहयोगी है। श्री भागवत ने आह्वान किया कि सभी सुनियोजित रूप से परस्पर सहयोग करते हुए एक श्रेष्ठ मानवता का निर्माण करें।
हिंदुत्व एवं राजनीति पर चर्चा करते हुए एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि हमारा राष्ट्रवाद भौगोलिक न होकर भू-सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है। विश्व की राजनैतिक राष्ट्र रचना का मानवीकरण होना है तो इसका हिंदूकरण होना आवश्यक है। लोकतंत्र का भारतीयकरण करते हुए हमें धर्मराज्य स्थापित करने की दिशा में प्रयत्न करने चाहिए।
प्रबुद्ध विचारक राम माधव ने कहा कि हिंदुत्व जीवन शैली नहीं बल्कि जीवन दर्शन है। उन्होंने बताया कि कैसे सनातन धर्म संपूर्ण विश्व में पहुंचा तथा उसकी वर्तमान स्थिति क्या है। वर्तमान वैश्विक समस्याओं का समग्र समाधान हिंदू धर्म ही देता है।
इस चिंतन बैठक में श्री भागवत के अलावा संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे नंद कुमार तथा अनेक बौद्धिक एवं वैचारिक संगठनों व संस्थाओं के वरिष्ठ प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। सामाजिक - सांस्कृतिक विषयों के विमर्श मंथन क्रम में प्रज्ञा प्रवाह द्वारा समय-समय पर ऐसी बैठकों का आयोजन किया जाता है।...////...