17-Mar-2023 10:50 PM
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जयपुर 17 मार्च (संवाददाता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रदेश में सीकर, बांसवाड़ा एवं पाली को नये संभाग और 19 नये जिले बनाने, शिक्षा अनुदेशक (मदरसा पैराटीचर्स) के छह हजार 843 पदों पर भर्ती किये जाने, 250 से अधिक आबादी वाले राजस्व गांवों को चरणबद्ध रूप से डामर की सड़कों से जोड़ने, जयपुर के गोविन्द देवजी मंदिर का महाकाल उज्जैन की तर्ज पर वृहद् विकास करने एवं सीकर जिले में खाटूश्याम मन्दिर तक पहुँचने के लिए लगभग 32 करोड़ रुपये की लागत से डेडीकेट कोरिडोर का निर्माण करने सहित कई घोषणाएं की। श्री गहलोत ने राजस्थान विनियोग (संख्या-2) विधेयक 2023 और राजस्थान वित्त विधेयक 2023 पर हुई चर्चा के बाद अपने जवाब में यह घोषणाएं की। उन्होंने जयपुर जिले के जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू एवं कोटपूतली-बहरोड़ के रुप में चार नये जिले बनाये जाने की घोषणा की। इसी तरह जोधपुर जिले के जोधपुर पूर्व एवं जोधपुर पश्चिम एवं फलौदी के रुप में तीन जिले बनाने, श्रीगंगानगर जिले में अनूपगढ़ को, बाड़मेर जिले में बालोतरा को, अजमेर जिले में ब्यावर एवं केकड़ी, भरतपुर जिले में डीग, नागौर जिले में डीडवाना-कुचामन, सवाईमाधोपुर जिले में गंगापुरसिटी, अलवर जिले में खैरथल, सीकर जिले में नीम का थाना, उदयपुर जिले में सलूम्बर, जालोर जिले में सांचौर तथा भीलवाड़ा जिले में शाहपुरा को नया जिला बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण हमारे कई जिले ऐसे हैं जहाँ जिला मुख्यालय की दूरस्थ कोने से दूरी 100 किलोमीटर से भी अधिक है और इस कारण आमजन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कई जिलों की जनसंख्या भी अत्यधिक होने के कारण प्रशासन का हर परिवार तक पहुँचना कठिन हो जाता है। जिला अपेक्षाकृत छोटा होने से प्रशासन प्रबन्धन व कानून व्यवस्था पर निगरानी / नियन्त्रण सहज व सुगम हो जाता है। देश के विभिन्न राज्य नये जिले बनाने में हमसे आगे रहे हैं। वहाँ पर जिलों की संख्या दुगुनी - तीन गुनी हो गयी है। अभी हाल में भौगोलिक दृष्टि से हमसे छोटे राज्य पश्चिम बंगाल ने भी सात नये जिलों की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा “इसी कारण प्रदेश से भी कई स्थानों से नये जिले बनाने की मांग प्राप्त हुई है। हमने इन प्रस्तावों के विस्तृत अध्ययन लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था, जिसकी अन्तरिम रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है। इस विषय में प्राप्त समस्त प्रस्तावों व प्रदेश की वर्तमान प्रशासनिक इकाइयों की संरचना का विस्तृत अध्ययन एवं विवेचना के उपरान्त प्रदेश में नये जिले बनाने की घोषणा करता हूँ।” उन्होंने कहा “इस प्रकार 19 नये जिले बनाने के कारण प्रदेश में कुल 50 जिले हो जायेंगे। इन सभी का प्रदेश मुख्यालय से सम्पर्क संभागीय मुख्यालयों के माध्यम से होता है । अतः इस प्रबन्ध को सुदृढ़ करने की दृष्टि से प्रदेश में तीन नये संभाग- बांसवाड़ा, पाली एवं सीकर बनाने की भी घोषणा करता हूँ । इन नवीन प्रशासनिक इकाइयों (जिलों एवं संभागीय मुख्यालयों) को अविलम्ब धरातल पर उतारने के लिए सुदृढ़ आधारभूत ढांचा एवं मानव संसाधन उपलब्ध कराने हेतु प्रथम चरण में दो हजार करोड़ रुपये का व्यय किया जाना प्रस्तावित है ।” उन्होंने कहा“हमने गत चार वर्षों में प्रदेश की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ कर, आमजन व जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराते हुए तथा सामाजिक क्षेत्र में विकास के साथ-साथ आजीविका के संसाधन उपलब्ध करा, प्रदेश में खुशहाली लाकर राजस्थान को देश का मॉडल राज्य बनाने का प्रयास किया है। प्रदेश में संवेदनशील, जवाबदेही एवं पारदर्शी प्रशासन देना हमारी प्रतिबद्धता है। हमारे द्वारा जनघोषणाओं एवं बजट घोषणाओं के माध्यम से एक के बाद एक लोक कल्याणकारी योजनायें लागू की गयी हैं, ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की समस्त योजनाओं का लाभ ढाणी-ढाणी, मगरे-मगरे में बसे जरूरतमंद परिवारों तक भी पहुँचे, इसके लिए जिला स्तर पर पूर्ण संवेदनशीलता के साथ कार्य करना आवश्यक है।...////...