06-Jul-2022 08:20 PM
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जयपुर, 06 जुलाई (AGENCY) राजस्थान सरकार ने उदयपुर घटना में मृतक कन्हैयालाल के पुत्रों को सरकारी नौकरी देने में शिथिलता प्रदान करने, राजकीय कार्मिकों की वेतन विसंगतियों को दूर करने, न्यूज वेबसाइट्स को सरकारी विज्ञापन जारी करने, नवीन राजकीय महाविद्यालयों के बेहतर प्रबंधन के लिए राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी का गठन करने सहित कई अह्म निर्णय लिए गए हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने संवेदनशील निर्णय लेते हुए उदयपुर की आतंकवादी घटना में मृतक कन्हैयालाल तेली के पुत्र यश तेली और तरूण तेली को राजकीय सेवा में नियुक्ति देने का निर्णय लिया है। नियुक्ति के लिए नियमों में शिथिलता दी गई है। यह नियुक्ति राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकवर्गीय सेवा (संशोधन) नियम, 2008 एवं 2009 के नियम 6ग के तहत प्रदान की जाएगी। आतंक फैलाने वाली इस जघन्य घटना के कारण मृतक के परिवार में जीविकोपार्जन का अन्य कोई स्रोत नहीं होने से आश्रितों को नियुक्ति दिए जाने पर जीवनयापन सुचारू रूप से चलेगा और परिवार को आर्थिक एवं मानसिक संबल प्राप्त होगा।
उल्लेखनीय है कि ऎसे व्यक्ति के एक आश्रित को जिसकी वर्ष 1992 या उसके पश्चात आतंकवादी हमलों, आंदोलनों, धरनों, प्रदर्शनों और रैलियों जैसी घटनाओं में मृत्यु हो गई हो, नियुक्ति दी जा सकती है। ऎसे में कन्हैयालाल के एक पुत्र को ही नियमानुसार अनुकंपात्मक नियुक्ति प्रदान की जा सकती थी लेकिन अब इस निर्णय से दूसरे आश्रित को भी नियुक्ति मिल सकेगी।
मंत्रिमंडल ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा न्यूज वेबसाइट पर विज्ञापन जारी करने के लिए नवीन पॉलिसी गाइडलाइन जारी करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया हैं। वर्तमान में प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया में राजकीय विज्ञापन जारी किये जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर विभिन्न न्यूज वेबसाइट आमजन में काफी लोकप्रिय है, अतः समय की मांग के अनुसार पॉलिसी गाइडलाइन जारी होने से न्यूज वेबसाइट्स पर राज्य सरकार की रीति-नीति एवं जनकल्याणकारी योजनाओं/कार्यक्रमों का लाभ आमजन तक त्वरित गति से पहुंच सकेगा।
नवीन गाइडलाइन के अनुसार वेबसाइट डी.ए.वी.पी. में पंजीकृत होनी चाहिए। साथ ही उसके कुल कंटेंट का 50 प्रतिशत समाचार होना चाहिए। इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत राजस्थान से संबंधित होना चाहिए। डीएवीपी. द्वारा बनाई गई ए, बी, और सी श्रेणी के अनुरूप प्रचलित विज्ञापन, आकार और दर राज्य सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले विज्ञापनों पर मान्य होगी।...////...