जयपुर, 18 मार्च (संवाददाता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नाट्यकला को एक जीवन्त चित्रण विधा बताते हुए कहा है कि यह समाज पर गहरी छाप छोड़ती है और इससे समाज को प्रेरणा मिलती है तथा इसको प्रोत्साहन देने से समाज में बदलाव का मार्ग प्रशस्त होता है। श्री गहलोत शनिवार को नई दिल्ली के बीकानेर हाउस से वीसी के माध्यम से जोधपुर इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है। उन्होंने जोधपुर इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल में देश-विदेश से आए सभी कलाकारों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि नाट्यकला के माध्यम से प्रभावी सामाजिक परिवर्तन संभव होता है। फेस्टिवल में नाटकों के प्रदर्शन के साथ-साथ प्रतिदिन नाट्य कला पर मंथन भी होगा। इनके माध्यम से नए कलाकार इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को सुनकर उनके अनुभवों से लाभान्वित एवं प्रेरित हो सकेंगे। श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में प्रतिभाशाली कलाकारों की कोई कमी नहीं है। राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों में नाट्य विभाग खोलकर युवा पीढ़ी को इस कला से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। दिल्ली में बीकानेर हाउस के द्वारा भी कलाकारों को एक अंतर्राष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। बजट में लोक कलाकार संबल कोष के गठन के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। कलाकारों को यंत्र खरीदने के लिए 5000 रुपए देने तथा साल में 100 दिन काम देने के लिए योजना लाई गई है। कोरोना काल में कलाकारों को संबल देने के लिए 5000 रुपए की सम्मान राशि उपलब्ध करवाई गई। राज्य सरकार द्वारा आयोजित लोक उत्सवों में कलाकारों को कला प्रदर्शन का अवसर दिया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जोधपुर इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल पर पुस्तिका का विमोचन किया। इस मौके कला संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि संगीत, साहित्य एवं कला में राजस्थान समृद्ध है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में कला एवं संस्कृति का समग्र विकास हो रहा है।...////...